Monday, October 15, 2007

देह और दायित्व से कहीं कुछ अधिक है पत्नी.

सिर्फ़ उसे एक देह समझना नादानी है
दायित्व की याद दिलाते रहना मूर्खता है

पत्नी में पाई है मैने एक सखी
आत्मीयता को जिसने आचरण में ढ़ाला है
ज़िम्मेदारियों को जिसने आदत बना डाला है

वह उठती है तो सूरज को याद आता है
कि उसे भी काम पर जाना है
भोर से उसका रिश्ता क्योंकि सूरज से भी पुराना है

घर के और लोग जब बाँचते हैं अख़बार
तब तक वह सँवार चुकी होती है अपना घर-संसार

वह है तो न जाने क्यों ये आश्वासन है
कि सब कुछ निर्बाध है हमारे जीवन में

उसका होना उसके वजूद से भी बड़ा है
वह इसका मोल नहीं मागती
कभी जताती नहीं की उसी से सब कुछ
निश्चिंत होकर है चलायमान हमारे जीवन में

पत्नी लिखने में चाहे इ की मात्रा भले ही बड़ी लगती हो
वह मेरी ज़िन्दगी में हमेशा अपने को छोटा बनाए रखती है

उसने घर-आँगन और मेरे प्यारे बच्चों को दिया है
एक अपनापन,परम्परा और संस्कार


वह होती है हर वक़्त मेरे आसपास हवा की तरह
लेकिन उसका कोई रंग , आकार नही होता

मैं हूँ यदि सफ़ल
तो उसमें उसका मौन त्याग
और प्रार्थना है प्रबल

वह मधुरता और सरसता की है बानी
उसी से कुछ तसल्ली भरी है ज़िन्दगानी

(आज जीवन संगीनी के जन्म दिन पर )

9 comments:

Srijan Shilpi said...

वाह, सुन्दर और महान भाव !

हमारी तरफ से भी उनको जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

Sanjeet Tripathi said...

भाभी जी को जन्मदिन की बधाई व शुभकामनाएं

bhairav pharkya said...

ब ध1 ई --------

जिनसे जॅग म गाता है आपका घर - संसार ;
संजय भाई उन्हे हमारा भी सा द र नमस्कार ;
साफ़गोई के लिए स्वी का रें बधाई हमारी ,
दू धो- न हा ओ, पू तो - फ़ लो , देखो बसंत ह ज़ा र !

----भै र व फ़ र क्या

सेन रेमो न , कॅलिफॉर्निया , यू.एस.ए.

Udan Tashtari said...

संजय भाई

इससे बेहतरीन और ईमानदार तोहफा तो भाभी जी जन्म दिन पर और कुछ हो ही नहीं सकता. बहुत ही सुन्दर.

भाभी जी को हमारी तरफ से भी जन्म दिन की बधाईयाँ एवं शुभकामनायें दें.

अब भाभी जी जन्म दिन की खुशी में हमें छ्प्पन भोग के मधुरम से पतीसा खिलाईये. :)

sanjay patel said...

जीवन संगीनी के लिये आपकी बधाइयाँ सर आँखों पर. वह पास में बैठी आप सब के प्रति साधुवाद लिखवा रही हैं और चकित हैं ये जानकर कि मेरा/उनका परिवार कहाँ कहाँ तक फ़ैला है.पुन: साधुवाद.

सुनीता शानू said...

संजय भाई प्यार तो अपनी अपनी पत्नी से सभी करते है मगर आपका प्यार अनुपम है और बताने का तरीका भी निराला व खूबसूरत है...

भाभी जी को जन्म-दिवस पर अनेको शुभकामनाएं...पतीसा हम भी खायेंगे समीर भाई के साथ-साथ उन्हे अकेले-अकेले मत दिजियेगा खाने...

सुनीता(शानू)

Batangad said...

अर्द्धागिनी शब्द सब कुछ कह देता है। भाभीजी को जन्मदिन की शुभकामना।

sanjay patel said...

सुनीताजी और हर्ष भाई ;
आपकी जताई भावनाओं की क़द्र करता हूँ..प्रार्थना कीजिये कि मैं सदभावनाओं में ही जीता रहूँ.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सँजय भाई, कुछ देर से सही...भाभी जी को उनकी साल गिरह की शुभ कामना भेज रही हूँ --
स - स्नेह,
--लावण्या