Sunday, August 15, 2010
जश्ने आज़ादी को परवाज़ देती एक पारिवारिक ख़ुशी
किसी ने सच ही कहा है कि देशप्रेम की अभिव्यक्ति प्रसंग,मौक़े,दस्तूर,स्थान,धर्म और मज़हब की मोहताज नहीं होती.उसे किसी भी रूप में और रचनात्मक तरीक़े से व्यक्त किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही भावुक इज़हार एक ऐसे शुभकामना पत्र में देखने में आया जिसमें परिवार में गूँजी नई किलकारी ख़ुशी जश्ने आज़ादी की ख़ुशी दूध में मिली शकर की मिठास की तरह घुल गई है.
इन्दौर में ही रहने वाले मेरे पारिवारिक मित्र महेश बंसल बरसों से
समाज,राजनीति,संस्कृति ,मीडिया क्षेत्र के मित्रों तथा अपने परिजनों को स्वतंत्रता-दिवस का शुभकामना पत्र भेजते आ रहे हैं. इस बरस कुछ ऐसी स्थिति बनी कि श्री बसंल को सेंट डिएगो(यू.एस) में बस चुके पुत्र प्रतीक और बहू सुरभि के परिवार में वृध्दि होने का समाचार आया. अभी तक महेश बंसल स्वतंत्रंता सेनानियों को केन्द्र में रखकर अपना शुभकामना पत्र बनाते आए थे.इस बार उन्होंने परिवार में आने वाले नये मेहमान को केन्द्र में रखकर कुछ नया करने का विचार बनाया. कहते हैं कि विचार का इंतेख़ाब करो तो उसे साकार करने का हौसला भी मिल जाता है. महेश बंसल अपनी पत्नी आशा के साथ जुलाई के अंतिम सप्ताह में विदेश .रवाना होने के पहले अपने शुभकामना पत्रों के लिफ़ाफ़े नाम-पते लिखकर तैय्रार कर गये और तैयार कर गए एक भावुकतापूर्ण संदेश जो परिवार में नई किलकारी के गूँज के साथ राष्ट्रप्रेम की बात भी करता है.
प्रतीक-सुरभि के यहाँ बेटी श्रेया का जन्म होते ही अस्पताल पहुँच कर दादा महेश बंसल ने उसके हाथ में दे दिया छोटा सा तिरंगा और इसी अवसर के चित्र को लेकर बन गया इस बार का शुभकामना पत्र .इस चित्र में नन्ही श्रेया ने अपनी मुट्ठी में मज़बूती से थाम रखा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा.लिफ़ाफ़े पर लिखी इबारत मन को छूती हुई कहती है ...भारत माता हर एक नई मुस्कान;आपको करे प्रणाम.इस ग्रीटिंग को देखने के बाद मन में यह बात बहुत शिद्दत से महसूस होती है कि स्वतंत्रता दिवस या दीगर राष्ट्रीय पर्वों की अभिव्यक्ति को रस्मी न बना कर यदि बेतक़ल्लुफ़ अंदाज़ में किया जाए तो शायद हमारी मातृभूमि और उसके अमर सेनानियों के प्रति अधिक सार्थक और जज़बाती श्र्ध्दा जाग सके.
यदि आप महेश बंसल को उनके इस सुकार्य के लिये बधाई देना चाहते हों तो उनका ईमल पता नोट करें: maheshbansal123@gmail.com आज इसी प्रयास को मेरे शहर के दो समाचार पत्रों दैनिक भास्कर और नईनिया ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
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6 comments:
बड़ा सुन्दर चित्र। काश दोनों ही बढ़ें भविष्य में। बधाई।
महेश जी को बधाई.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
Sanjay bhai
Sanjay bhai
Aapki kalam ne hamein itna maan diya atah aapko haardik dhanyavaad
Shri Shekhar Sen ki badhaaiyan bhi prapt huin
VANDE MATARAM
Mahesh Bansal
बेहद ही अनूठा प्रयास.
बहुत सुन्दर पटेल जी, हम तो आप जैसों के ब्लॉग खोज खोज कर पढ़ते हैं.
महेश बंसल जी को बधाई. हम सभी का स्वाभिमान मजबूत हो... शुभकामनाएं.!!
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