Sunday, July 13, 2008

आज मदन मोहन की बरसी और बाँसुरी पर बजते उनके गीत

आज यानी 14 जुलाई को अपने संगीत से जादूगरी करने वाले अज़ीम मौसिकार
मदन मोहन जी की बरसी है (निधन वर्ष : 1975) मदन जी का संगीत तो हम
वर्ष भर सुनते ही रहते हैं क्योंकि वह किसी तारीख़ या कालखण्ड का मोहताज
नहीं है ; आपको मदन मोहन के संगीत नियोजन में लता मंगेशकर
के गाये कई गीत सुनने को मिल जाते हैं ; लेकिन आज कोई नई चीज़ परोसी
जाए आपको.

हमने कई बार महसूस किया है कि किसी भी गीत की ताक़त होती है उसकी
धुन (हालाँकि संगीतकार को क्रेडिट देने के मामले में हम आज भी थोड़े कंजूस ही हैं)
इसी बात को साबित करने के लिये आज आपके लाया हूँ मदन मोहन का संगीत
लेकिन उसमें शब्द नहीं हैं. गीत हम सुनेंगे बाँसुरी पर , मेरा दावा है कि
शब्द स्वत: ही आपके होठों पर आकर थिरकने लगेंगे.इसे बजाया है
मेरे बाल सखा और मध्य-प्रदेश के जाने माने कलाकार सलिल दाते ने.

सलिल दाते को शास्त्रीय संगीत की तालीम देश के जानी मानी वॉयलिन
वादिका डॉ.एन.राजम और बाँसुरी वादक पं.रोनू मुजुमदार से मिली है.
सलिल वॉयलिन और बाँसुरी दोनो ही वाद्यों मे निष्णांत हैं.
सलिल बेहतरीन संगीतकार भी हैं और तलत महमूद और
संगीतकार मदन मोहन के अनन्य मुरीद.बेहद कोमल और भावुक
सलिल दाते एक राष्ट्रीयकृत बैंक मे कार्यरत हैं
लेकिन उनका पहला प्यार है संगीत और सिर्फ़ संगीत.

हाँ ये भी बता दूँ कि सलिल दाते के वादन को मदन मोहन जी के सुपुत्र संजीव कोहली ने भी बहुत सराहा और प्रतिक्रियास्वरूप एक पत्र में लिखा कि मेरे पिता के संगीत की ख़ूबियाँ बाँसुरी जैसे क्लिष्ट वाद्य में आपने जिस तरह से उभारीं हैं वह तो उल्लेखनीय है ही ; साथ ही आपकी निजी सांगीतिक सोच भी वादन के सुरीलेपन में इज़ाफ़ा करती है.यदि आप भी सलिल को अपना प्रतिसाद देना चाहें तो उनका मोबाइल नम्बर नोट कर लें 09425346188

सुनते हैं बाँसुरी पर मदन मोहन के ये जो एक धुन के रूप में आप से मुलाक़ात
करने जा रहे हैं फ़िर भी उनका प्रभाव यथावत है.पहले ट्रेक में सलिल दाते के
एलबम मेरा साया साथ देगा का परिचय ख़ाकसार की आवाज़ में है
. हाँ ये एलबम
विशुध्द रूप से लताजी और मदन मोहन जी के गीतों पर ही एकाग्र है.








नैनों मे बदरा छाये ये आख़िरी पेशकश है सलिल दाते की जो सवेरे पूरी नहीं सुनाई दे रही थी.अब इसे फ़िर से लगाया है . आशा है राग भीमपलासी का पूरा रंग आपको मदन मोहन जी की यादो मे भिगो देगा.

चलते चलते ये भी बता दूँ कि बाँसुरी वादक सलिल दाते और संगीतकार मदन मोहन जी पर एकाग्र इस पोस्ट को आज कई संगीतप्रेमियों ने पढ़ा जिनमें से एक थे मदन मोहन जी के सुपुत्र श्री संजीव कोहली. उन्होंने ईमेल के ज़रिये अपनी जो बात कही वह भी इस पोस्ट को संपादित कर यहीं शुमार किये दे रहा हूँ

Dear Sanjayji

Thank you so much for remembering our dear father on this day.

It is admirers like you who keep him alive through the appreciation of his work even after 33 years of his leaving us.

I read and enjoyed your blog as well as the Shrota Biradari blog.

pl. once again convey my regards to Salil Dateji

All the best

Sanjeev Kohli

25 comments:

मैथिली गुप्त said...

बहुत खूब संजय साहब
आपने तो आज का दिन बना दिया.
इतना सुमधुर!

मैथिली गुप्त said...

संजय साहब
चौथी धुन अधूरी है!
जी नहीं भरा!

Neeraj Rohilla said...

संजय भाई,
एक तो आपकी आवाज सुनने को मिल गय़ी और उस पर मदन मोहन साहब की धुनों के खजाने से नायाब हीरे बांसुरी पर सुनने को मिले । अब सोने का मन नहीं कर रहा, मदन जी के और गीत सुने बिना चैन न पडेगा ।

मैथिली गुप्त said...

भई हम तो सलिल दाते साहब के फैन बन गये हैं!

रंजू भाटिया said...

सुबह आज आपने संगीत की मधुर आवाज़ से भर दिया .बांसुरी में इन मधुर गीतों को बार बार सुना जा सकता है एक धुन आधी है उसको भी पूरा सुना दे ..आपने आज के दिन को यूँ पेश कर के सार्थक कर दिया ..और आपकी आवाज़ में परिचय सुनना बहुत ही अच्छा लगा ..शुक्रिया

मैथिली गुप्त said...

संजय भाई आपकी आवाज बहुत मखमली है.

Ashok Pande said...

संजय भाई, क्या सुनवा दिया आपने सुबह सुबह! आप का बयान और आप के बाल सखा की बांसुरी!

... आगे कुछ भी और कहना धॄष्टता होगी!

आलीशान पोस्ट! मदनमोहन जी को श्रद्धांजलि में मुझे भी शरीक समझें.

Sajeev said...

क्या बात है संजय भाई आपकी आवाज़ सुन कर मन प्रस्सन हो गया बेहद खूबसूरत प्रस्तुति

Sajeev said...
This comment has been removed by the author.
पारुल "पुखराज" said...

मन आनंद -आनंद छायो--

sanjay patel said...

शुक्रिया क्या अदा करूँ आपका.बस हम सब मिल कर यही दुआ करें कि मदन मोहन जी जैसे सदाबहार सर्जक का महान संगीतकर्म अमर रहे.

चोथे गाने को फ़िर चढ़ाता हूँ.सलिल के पास पहुँच रहे फ़ोन कॉल्स से अभिभूत है यह हुनरमंद कलाकार.

Unknown said...

दिल खुश्… और क्या कहूँ… बेहतरीन प्रस्तुति…

siddheshwar singh said...

संजय दद्दा,
योग निद्रा की तरह संगीत निद्रा के लिए क्या ही मौजू और मुफ़ीद है यह बांसुरी.

गजब!

सलिल भाई को सलाम और आपको नराई, प्यार और पुच्च!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सँजय भाई ,
आपके मुस्कुराते चेहरे के साथ अब आपकी आवाज़ सुनके, व्यक्तित्व के चित्र को, दूर से ही सही,
को कुछेक अँशोँ तक पूर्णता मिली - अच्छा लगा !
हिन्दी भाषा के शब्द साफ, प्यार से उच्चार,
सधे हुए अँदाजसे सामने आये और आपके लँबे अनुभव की दास्ताँ कह गये -
बधाई और हमेशा उन्नति की शुभकामनाएँ भी -
बाँसुरी की धुनोँ को एकाग्रता
और भक्ति से सँवारा गया है -
सलिल भाई को मेरे नमस्कार और बधाई देना :)
स ~ स्नेह,
- लावण्या

अंगूठा छाप said...

भई अद्भुत!
इंदौर की बात की जाए तो ऐसा काम सिर्फ और सिर्फ हमारे संजय पटेल ही कर सकते हैं। डूबे रहिए जी बस ऐसे ही...

क्या बात है! भई लाख-लख बधाईयां...

यारा said...

ये क्या गजब कर दिया संजय भाई!
आज तो उम्मीद से कहीं अधिक...

ये दिल फिर कायल हुआ आपका!
बधाई ...बहुत बहुत बधाई!!

अवधेश प्रताप सिंह
इंदौर/98274 33575

यारा said...

ये क्या गजब कर दिया संजय भाई!
आज तो उम्मीद से कहीं अधिक...

ये दिल फिर कायल हुआ आपका!
बधाई ...बहुत बहुत बधाई!!

अवधेश प्रताप सिंह
इंदौर/98274 33575

Gyan Dutt Pandey said...

सुमधुर।

Udan Tashtari said...

Adbhut-Bahut Aabhar.

Udan Tashtari said...

Aap ki awaj bhi bahut khoob bhai. Badhai.

अजित वडनेरकर said...

संजय भाई ग़ज़ब कर दिया ।
मैथिलीजी की बात कहूं तो दिन बन गया
अशोक पांडे की बात कहूं तो आलीशान पोस्ट है

और मुझे क्या कहना है ?

Unknown said...

sanjay ji, comment na karna jyada behtar hoga kyonki sabd sab kuchh kah saken jaroori to nahi...

Harshad Jangla said...

Sanjaybhai
Glad to hear your silky voice.
Saleelji's flute is superb.
Thanx for the presentation.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

अंगूठा छाप said...

चुप्पी तो ठीक है पर...
ऐसी चुप्पी!
दो रोज हो गए आपको नदारद हुए।

जोगलिखी का कुछ खयाल है कि नहीं...


आपका दर्शनाभिलाषी

अंगूठा छाप

sanjay patel said...

आप सभी संगीतप्रेमियों का आभार प्रकट करता हूँ. सलिल भाई भी आप सब के प्रतिसाद से अभिभूत हैं.दो दिन से इंटरनेट कनेक्शन बंद होने से आपसे संवाद स्थापित करने में देरी हुई और नई पोस्ट भी लंबित पड़ी है...शीघ्र हाज़िर होता हूँ.