Sunday, July 20, 2008
न ये चाँद होगा न तारे रहेंगे,मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे.
गीता दत्त की बरसी पर एक श्रध्दांजली एक दिन पहले लिख ही
चुका था.कुछ मित्रों के इसरार पर आज गीता जी का ही गाया
एक गीत सुनिये. फ़िल्म शर्त से लिये गए इस गीत को लिखा
एस.एच.बिहारी ने और संगीतकार हैं हेमंतकुमार.संयोग से इस
गीत को हेमंत दा ने भी गाया है और ख़ासा मकबूल भी हुआ है.
इसी गीत को गीता जी की आवाज़ में सुनिये ...लगता है एक
क़ामयाब कलाकार अपनी निजी ज़िन्दगी की दास्तान बयाँ कर रही
है.गीता दत्त की गायकी का मज़ा ही ये कि वे अपनी खरज भरी
लोक-संगीत के लिये परफ़ेक्ट आवाज़ में उल्लास,मस्ती और दर्द
को एक सी अथॉरिटी के साथ गाती हैं.यही प्लै-बैक सिंगिंग का
हुनर भी तो है...चलिये सुनते हैं उनकी बरसी की संध्या बेला में
ये गीत.
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18 comments:
मँझधार मेँ बहती कश्ती
जो मौजोँ के थपेडे सहती हुई
जा रही हो वैसी आवाज़ -
सोज़ और गहराइसे उकेरे भावोँ को गीता जी ही इस तरह गातीँ हैँ,
जीती हैँ..
जहाँ वे रुकतीँ हैँ,
लगता है, सारी कायनात रुक गई ..
इस सदाबहार नगमे को सुनवाने का शुक्रिया सँजय भाई ..
स्नेह,
-लावण्या
संजय भाईजी,
इस खूबसूरत गीत के बारे में लावण्याजी ने पहले ही सब कुछ कह दिया है । बेसाख्ता, इसको सुनते सुनते सुरैयाजी के "ये कैसी अजब दास्तां हो गयी है" की याद आ गयी है । इस गीत की तरह उस गीत का भी एक एक शब्द दिल में सीधे उतर जाता है ।
इस गीत को सुनवाने के लिये बहुत आभार,
इस सदाबहार नगमे को सुनवाने का शुक्रिया आभार
इस सदाबहार नगमे को सुनवाने का शुक्रिया आभार
ये दिन हमको सब दिन से प्यारे रहेन्गे
न ये चांद होगा न तारे रहेंगे मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे...
नजर ढूंढती थी जिसे पा लिया हैउम्मीदों के फूलों से दामन भरा हैये दिन हमको सब दिन से प्यारे रहेंगे
न ये चांद होगा...
कहूं क्या मेरे दिल का अरमान क्या हैतुम्हें हर घड़ी चूमना चाहता हैकहां तक भला जी को मारे रहेंगे
न ये चांद होगा...
सहारा मिले जो तुम्हारी हंसी काभुला देंगे हम सारा गम जिंदगी कातुम्हारे लिए हैं तुम्हारे रहेंगे
न ये चांद होगा न तारे रहेंगे मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे...
यकीनन बड़ी दौलत छोड़कर गयी हैं गीतादत्तजी। अभिमान करने के लिए यही तो तमाम चीजें हैं इस राष्ट्र में...
ये सुर-समां बांधे रखने के लिए बहुत बहुत आभार...
इस गीत के लिए एसएच बिहारी साहब भी बराबर बधाई के पात्र हैं...
बहुत बहुत शुक्रिया इस गाने को सुनवाने का
मगर हम हमेशा आपके रहेंगे, संजय जी...आज से !
जानता न था कि आपकी पसंद मेरे पसंद पर कुछ भारी ही है ।
धन्यवाद !
गीत सुनवाने के लिए आभार।बहुत सुन्दर गीत है।
बहुत सुंदर गीत! धन्यवाद!
Sanjaybhai
A memorable song.The beginning alaap ia a Bejod!
Thanks for presenting sucha beautiful song.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
बहुत शुक्रिया इस गाने को सुनवाने का.
मेरा all time fav गीत है ये संजय जी, बस सुनता हु तो ये सोचता हूँ, की ऐसा प्रेम आज कहाँ है, कहाँ है ऐसा समर्प्रण प्रेमियों में आज, एक कभी न बुझने वाली प्यास का एहसास होता है इस गीत को सुनने के बाद....बेहद सुंदर प्रस्तुति
in geeton ko kaisey koi bhuul sakta hai...taaumr sukuun deney vaaley geet hai ye...shukriyaa sanjay bhayi
ji haan kuch geet bhulaaye nahi bhoolte....ye bhi unme se ek hai.
संजय जी,
आपकी रचनात्मकता
और कला-संगीत के प्रति अप्रतिम अनुराग,
प्रस्तुति और चीज़ों को साझा करने का अंदाज़,
मोहक....प्रेरक...अनुकरणीय है.
मौजूदा पेशकश आश्वस्ति और समर्पण की
गहरी पुकार है......आभार आपका.
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चन्द्रकुमार
संजय भाई
प्यार के लिए इस से बढ़िया गाना नही हो सकता !
नितिन
संजय भाई
इंदौर में आपको खूब पढ़ा, आपके लेखन का प्रशंसक हूँ.
मगर इधर जयपुर में नई दुनिया नही आता.
अब चूंकि आपका ब्लॉग हाथ लग गया है..
उम्मीद है नया पढ़ने को मिलता रहेगा.
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