Friday, July 20, 2007

ब्लाँगर बिरादरी के लिये एक प्रेमपूर्ण भेंट







मित्रों..वंदेमातरम.

जुलाई का अंतिम सप्ताह प्रारंभ होने वाला है.नज़दीक आ रहा है अगस्त का महीना...स्वातंत्र्य उत्सव इस बार दो संयोग लेकर आ रहा है.प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के डेढ़ सौ वर्ष पूर्ण हो रहे है और इस बार का स्वतंत्रता दिवस हमारे लिये हीरक जयतीं वर्ष की सौग़ात लेकर आ रहा है.यानी आज़ादी के साठ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं इस 15 अगस्त को.मै एक छोटी सी एडवरटाईज़िंग एजेंसी चलाता हूँ ..मेरी क्रिएटिव टीम ने इन दो राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रसंगों के लिये शुभंकर (लोगो) रचे हैं . इन्हे मै ब्लागर बिरादरी को सौंपते हुए अति-प्रसन्नता का अनुभव करता हूँ.राष्ट्रप्रेम कभी भी मेरे लिये पार्ट-टाइम पसंद या चोचला नहीं रहा है और मेरा मानना है कि मुल्क से मुहब्बत किसी उत्सव और तारीख़ की मोहताज नही रहती.ब्लाँग पर जारी करने का उद्देश्य है कि आप सब इसे अपने ब्लाँग पर बेझिझक इस्तेमाल करें..स्टेशनरी पर लगाएं..स्टीकर बनाएं...पोस्टर बनाएं..दफ़्तर में लगाएं ..घर पर सजाएं...कोई काँपी राइट नहीं ..कोई कमर्शियल अपेक्षा नहीं....किसी नामोल्लेख की ज़रूरत नहीं...जितनी जल्द यह सब होगा इन दो गौरव प्रसंगों की भाव-भूमि बनेगी.बस आशा इतनी भर है कि आपको ये प्रयास ठीक ठाक लगे तो दो प्यार भरे बोल लिख भेजियेगा..हमारी टीम को मेहनत सार्थक हो जाएगी..यदि आप पृथक से इसे ई-मेल पर मंगवाना चाहते हैं तो मुझे विशेष रूप से adraag@gmail.com पर सूचित करें.ब्लाँग बिरादरी से मिले स्नेह के एवज़ में ये प्रयास छोटा ज़रूर है लेकिन इसके पीछे छुपा राष्ट्रप्रेम काजज़्बा बडा़ है ...नेक है...जय हिंद.

7 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत नेक जज्बा है. हम आज ही लगायेंगे इसे अपने ब्लॉग पर. आभार.

Manish Kumar said...

बहुत खूब डिजाइन किया है आपकी टीम ने ! बधाई

अनूप शुक्ल said...

अच्छे पोस्टर् हैं।

Arun Arora said...

ये हुई कूछ बात,शान दार जी

Yunus Khan said...

प्रिय संजय भाई कमाल के व्‍यक्ति हैं आप, ये बहुत अच्‍छा काम किया आपने । मैंने इसे अपने कंप्‍यूटर पर उतार लिया है और सारे मित्रों को भेज रहा हूं । मेरे ब्‍लॉग पर भी चढ़ा दिया है ।

Unknown said...

बहुत बेहतरीन काम किया आपने, कई लोगों को भेज दिया है और आगे भी भेजता रहूँगा, आपने सही कहा कि देशप्रेम कोई टाइमपास की चीज नहीं है, ये जज्बा तो सदा कायम रहना चाहिये... उम्दा लोगो के लिये साधुवाद

Prof. Dr. Shailendra Kumar sharma प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा said...

संजय भाई,
सप्रेम नमस्कार।
१८५७ की क्रांति के १५० वें वर्ष पर आपका यह प्रयास औरों को भी प्रेरणा दे। मंगलकामनाएं स्वीकार करें।
शैलेन्द्रकुमार शर्मा
अध्यक्ष,हिन्दी अध्ययनशाला
विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन ४५००१०