सबसे पहले तो आपको निकट आ रहे रंगों के त्योहार की अनेक शुभकामनाएँ.
टीम एडराग ने यानी मेरे साथियों ने होली पर पानी की बर्बादी रोकने के उद्देश्य से ये दो पॉइंटर बनाए हैं......जारी कर रहा हूँ आपके लिये यानी ब्लॉगर बिरादरी के लिये.इसे कॉपी कर अपने ब्लॉग पर लगा लीजिये और उम्मीद कीजिये हम सूखे रंगों से होली खेलने का माहौल बना सकें...लेकिन ऐसा करने की शुरूआत तो आपको ही करना होगी...तो इस बार होली...सूखे रंगों से.....लेकिन भीगे मन से.
(इस शुभंकर का सत्वाधिकार : आपका अधिकार)
आपके भाल.....भावनाओं का ये गुलाल.
3 comments:
सन्देश बहुत सटीक हैँ। वह भी पानी की किल्लत के युग मेँ।
वाकई!!
इस युग में पानी उलीचना हद दर्जे की मूर्खता है। वह जमाना गया जब साल भर नदियाँ कल-कल बहा करती थीं। अब तो बरसात गई और गड्ढों में बदलने लगती हैं और होली आते आते तो उन में दूर दूर तक पानी भरे गड्ढे तलाशना असंभव हो जाता है।
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