एक सुन्दर सी, छोटी सी लड़की अपने पापा के साथ जा रही थी कि नदी की एक पुलिया रास्ते में आ गई। पापा को पुलिया पार करते कुछ भय सा लगा तो उन्होंने बिटिया से कहा, "बेटी, मेरा हाथ कस के पकड़ लो ताकि तुम नदी में ना गिर जाओ।' छोटी बच्ची ने कहा, "नहीं पापा, आप मेरा हाथ थामिए।' पापा ने पूछा, "इससे क्या फर्क पड़ता है ?' बच्ची बोली, "इससे बहुत बड़ा फर्क पड़ता है। यदि मैं आपका हाथ पकड़ती हूँ और मुझे कुछ होता है तो पूरी संभावना है कि मैं आपका हाथ छोड़ दूँ पर यदि आप मुझे पकड़े रखते हैं तो चाहे जो हो जाए, आप मेरा हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे।'
क्या आपने कभी बंदर पर गौर किया ? बंदर का बच्चा उसे कस कर पकड़ता है पर एक डाल से दूसरी डाल तक छलांग लगाते वक्त कई बार वो गिर जाता है। शायद इसीलिए कि बंदर ने उसे नहीं पकड़ा था। ठीक इसके विपरीत बिल्ली अपने बच्चे को मुंह से पकड़ कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक कूद कर चली जाती है परन्तु बच्चा कभी नहीं गिरता। सीधी सी बात है। यहॉं बच्चे ने नहीं, मॉं ने बच्चे को थामा था।
जीवन के किसी भी रिश्ते की बुनियाद में, बंधन उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि रिश्ते की मज़बूती और परस्पर विश्वास। अतः आप भी अपने से प्यार करने वाले को मज़बूती से थामे रखिए, उससे ये अपेक्षा मत कीजिए कि वो आपको पकड़ेगा। यह छोटा सा संदेश है, पर ढेर सारी अच्छी भावनाओं से भरा हुआ।
(इन्दौर के जाने माने प्रबंध-गुरू एवं ख़ुशी बाँटने वाले नेक इंसान एस.नंद द्वारा संपादिन
परिपत्र स्वयं-उत्थान से साभार)
9 comments:
सही कहा --
"तुम आशा विश्वास हमारे..रामा "
" त्वमेव माता च पिता त्वमेव"
यही नाता ईश्वर से भी रखना चाहीये,
जो सर्वत्र हैँ परो ओझल हैँ..
- लावण्या
संजय जी
बहुत सच्ची और अच्छी बात लिखी है आपने. प्रेरक और भावपूर्ण प्रसंग.
नीरज
सही कहा आपने ....बिल्कुल सटीक....
प्यार और विश्वास ज़िंदगी को ज़िंदगी बनाने वाली यही दो बातें हैं ..बहुत ही सुंदर लेख द्वारा सुंदर संदेश .शुक्रिया जरुरत है आज कल ऐसे कथनों की
बिल्कुल सही. आभार इस प्रस्तुति का.
बहुत अच्छी पोस्ट रही ये तो। इससे पहले भी बारिश में खू़ब भीगे।
वास्तव में विश्वास बहुत बड़ी देन है ईश्वर की,हर किसी को नसीब नहीं होती।
सँजयभाइ
नन्ही सी पर अति महत्व पुर्ण वात कही है आपने |
हर्षद जाँगला
एट्लांटा युएसए
विश्वास के आस्थावानों को मेरे प्रणाम.
सुन्दर।
बिल्ली और बन्दर के बच्चे की अलग वृत्ति ईश्वर से सम्बन्ध के सन्दर्भ में बताई जाती है। बिल्ली का बच्चा पूर्णत: अपनी मां पर छोड़ देता है। बन्दर का बच्चा सर्वदा शंकित रहता है।
बिल्ली का बच्चा बनना है ईश्वर से सम्बन्ध के विषय में।
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