जाने माने शायर जनाब मुनव्वर राना ने रिश्तों को लेकर हमेशा अतभुत काव्य रचा है. उनकी ग़ज़लों में रिश्तों की महक का रंग कुछ ख़ास ही रहा है. डॉटर्स डे पर मुलाहिज़ा फ़रमाइये मुनव्वर भाई के चंद अशआर:
घरों में यूँ सयानी लड़कियाँ बेचैन रहती है
कि जैसे साहिलों पर कश्तियाँ बेचैन रहती हैं
ये चिड़िया भी मेरी बेटी से कितनी मिलती जुलती है
कहीं भी शाख़े-गुल देखे तो झूला डाल देती है
रो रहे थे सब तो मै भी फ़ूटकर रोने लगा
वरना मुझको बेटियों की रूख़सती अच्छी लगी
बड़ी होने लगी हैं मूरतें आँगन में मिट्टी की
बहुत से काम बाक़ी हैं सम्हाला ले लिया जाए
तो फ़िर जाकर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है
ऐसा लगता है कि जैसे ख़त्म मेला हो गया
उड़ गईं आँगन की चिड़िया घर अकेला हो गया.
बेटी दुनिया का सबसे पाक़ रिश्ता है. आज जब ज़माने की तस्वीर बदल रही है बेटियों ने भी अपने वजूद और हुनर की साख मनवा ली है. सानिया मिर्ज़ा,कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स,बेछेंद्री पाल,किरन बेदी,पी.टी.उषा,अंजू बॉबी जॉर्ज , आदि कई नाम ऐसे हैं जिन्होने बदलती दुनिया में लड़की की पहचान को नई इज़्ज़्त बख्शी है.आइये हमारे आपके आँगन की तमाम बेटियों की ख़ुशहाली की दुआ करें क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने कहा थी कि बेटा सिर्फ़ एक कुल को तारता है बेटी जहाँ जन्म लेती है वहाँ भी सबसे ज़्यादा समर्पित रहती है और जहाँ उसका घर बसाया जाता है वहाँ जाकर भी अपनी रचनात्मक भूमिका निभाती है.दुनिया भर की बेटियों को सलाम !
ओस की बूँद होती है बेटियाँ
स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती है बेटियाँ
रोशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को
दो दो कुलों की लाज होती हैं बेटियाँ
कोई नहीं एक दूसरे से कम
हीरा अगर है बेटा
सच्चा मोती है बेटियाँ
विधि का विधान है यही
दुनिया की रस्म है
मुठ्ठी भर नीर सी होती है बेटियाँ
9 comments:
बहुत शानदार!! बहुत सही!!
मुनव्वर राणा साहब की शायरी के तो हम पहले से ही कायल हैं!! अब तो और भी हो गए!
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति...मुनव्वर राना जी की माँ के प्रति समर्पित रचनाओं का तो जबाब ही नहीं और यह तो उसके उपर चार चांद लगाती. बहुत आभार, संजय भाई.
सही मौके पर सही प्रस्तुति । छा गये संजय भाई ।
वाह !! जोरदार .
शुक्रिया आप सभी का. दर-असल तारीफ़ मेरी नहीं ; मैं तो इन अशाआरों का कुरियर हूँ,असल तारीफ़ तो मुनव्वर भाई की है जो इतनी संजीदगी से इंसानी रिश्तों की सुध लेते हैं.
संजीतभाई मुनव्वर भाई के नाम के साथ राना ही लगता है राणा नहीं . राणा वह राजस्थानी वाला राणाजी म्हारा हो जाता है . नेपाल के राजवंश से जुडी फ़ौज के नायक भी राणा कहलाते है .राना के मानी होते हैं ख़ूबसूरत.मीडिया और मुशायरों के मेज़बान अपने दावतनामों में मुनव्वर राणा ही लिखते हैं जो ग़लत है.
very touching ....Thank you !!!
Beautiful..
sanjay bhai, bejod hai. anand aa gya.
ram moondra
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