जी हाँ जगजीतसिंह की ही बात कर रहा हूँ. 8 अक्टूबर को जीते जी महान हो चुके जगजीत सिंह को फ़ालिज का दौरा पड़ा है. निश्चित ही हम सब संगीतप्रेमियों के लिये ये चिंता की ख़बर है. मैने उनके आठ शो एंकर किये हैं सो उन्हे निकट से देखने और जानने का मौक़ा मिला है. जितनी मुलायम ग़ज़लें वो गाते हैं उतने ही मज़बूत हैं वे . अपने बेटे विवेक को खोने के बाद भी जगजीत जी ने जिस तरह की पारी मंच और एलबम्स के ज़रिये खेली है वह विलक्षण है. यदि गुज़रे दस बरसों पर नज़र डालें तो बता सकता हूँ कि उन्होने हर हफ़्त कम से कम दो कंसर्ट किये हैं. निश्चित रूप से इन मंचीय प्रस्तुतियों ने उनके शरीर को थकाया है. लगातार यात्रा...लगातार गाना...लेकिन मैं आपको बता दूँ कि जगजीतजी ये शोज़ पैसे से ज़्यादा इसलिये करते रहे हैं कि संगीत उनके लिये ऑक्सीजन है. अपने वाद्यवृंद कलाकारों की टीम जिसमें तबला बजाने वाले मेरे मित्र श्री अभिनव उपाध्याय भी हैं बताते हैं कि अंकल (जगजीतजी) जिस ज़िंदादिली से हमारे साथ शोज़ का मज़ा लेते रहे हैं वह शायद ही आज का कोई कलाकार ले रहा हो.
पूरी श्रोता-बिरादरी जगजीत सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती है . और एक मन की बात बता दूँ आपको ...मैने जगजीत सिंह को जितना जाना है ; दावे से कह सकता हूँ जगत को जीतने वाले जगजीत सिंह मंच पर लौटेंगे...और मज़बूती से लौटेगे...उनका अदम्य आत्म-विश्वास उन्हें एक बार फ़िर उनकी खरज भरी आवाज़ के साथ करोडों चाहनेवालों से रूबरू करवाएगा.
जगजीत सिंह जैसे कलाकार बिस्तर पर लेट कर ये दुनिया नहीं छो़ड़ने वाले.
वे हैं सुरीले गुलूकार... लाडले फ़नकार
माइक्रोफ़ोन पर है आपका इंतजार
मुझे आपकी दुआओं पर पूरा यक़ीन है...इंशाअल्ला !
6 comments:
आमीन!!
जगजीत सिंग जी के शीघ्र स्वास्थय लाभ की प्रार्थना करता हूँ.
श्री अभिनव उपाध्याय हमारे जबलपुर के ही हैं और उनके भाई अभिजय उपाध्याय मेरे बहुत घनिष्ट लोगों में से हैं. देखिये कैसा संयोग निकला.
जगजीत जी जल्दी स्वस्थ हों - शुभ कामनायें!
हमारी भी दुआएं । कल दिन भर मुंबई में अफवाहों का बाजार गर्म रहा ।
सुनने में आया है कि जगजीत का रूटीन चेक अप था । उन्हें कुछ नहीं हुआ । हलका सा दर्द था सीने में । आजकल सच्ची खबरें बाहर भी तो नहीं आतीं । हमने ज्यादा खोजबीन नहीं की । क्योंकि निजी मामलों में हस्तक्षेप जैसा लगता है । बस प्रार्थना है कि जगजीत जल्दी घर आएं और गाना आरंभ करें ।
समीरभाई इन्हीं वजुहात से इंटरनेट सुरीला हो जाता है और साबित कर देता है कि दुनिया बहुत छोटी है.युनूस भाई ने ठीक कहा सितारा भी एक इंसान है ; लेकिन वह जगजीतसिंह हो तो आत्मीय सा अपना सा लगता है.लेकिन सितारा होने की मुश्किलें भी बहुत सी हैं...जिनमें से एक कि वह कष्ट में नितांत अकेला रहना पसंद करता है जबकि आप हम जैसे सामान्य लोगों के पास बेइंतहा लोगों का साथ होता है जिससे चाहते हुए भी बचा नहीं जा सकता.
जगजीतसिंहजी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
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