Monday, April 21, 2008

मुझे आपसे कुछ पूछना है.....?

बच्चे (बेटे/बेटी) के साथ कब बैठ कर टी.वी.देखा ?

-भीगते पानी में कब लाँग ड्राइव पर गये ?

-उसके स्कूल के annual day में पिछली बार कब गये थे आप ?

-बच्चे को किताबे/यूनिफ़ार्म दिलवाने आप क्यों नहीं जाते ? नौकर को क्यों भेजते हो ?

-उसके बर्थ-डे पर जब उसके दोस्त आपके घर आते हैं तो उनसे बात करने/ज\मौज मस्ती करने में क्या आप रूचि लेते हैं ?

-बच्चे के साथ बैठकर कम से कम एक खाना (लंच/डिनर) साथ क्यों नहीं खाते ?

-क्या आपको अपने बच्चे के दोस्तो के फ़ोन नम्बर्स मालूम हैं ?

-उसकी रिपोर्ट-कार्ड सिर्फ़ साइन कर देते हैं या देखते भी हैं कि उसे किस विषय में कितने मार्क मिले हैं ? अच्छे मार्क लाए तो क्या उसे कोई उपहार देते है/कम मार्क लाए तो प्रेम से उसके साथ बतियाते हैं ?

-कभी आपने उसे वह कहानी सुनाई है जो आपको आपके माता-पिता ने सुनाई थी ?

-क्या कभी अपने मूल वतन; अपने बाप-दादाओं के क़िस्से सुनाए हैं आपने?

-क्या अपने बचपन का कोई यादगार वाक़या आपने अपने बेटे/बेटी को सुनाया है ?

-क्या आपने अपनी शादी का एलबम अपने बच्चों के साथ तसल्ली से बैठ कर देखा है ?

-क्या कभी आपने अपनी बेटी/बेटे को कोई नाँवेल पढ़ कर सुनाया है ?

-क्या आपने कभी अपने बच्चे को बताया है कि सब्र,नेकी,इंसानियत,दया,सहायता,भाईचारे जैसे शब्द ज़िन्दगी में क्या महत्व रखते हैं ?

और एक आख़री सवाल ......

क्या आप अपने बच्चे को या उसकी बात को वैसा महत्व देते हैं जैसा आप अपने बाँस या अपने ग्राहक को देते हैं ....यानी गुणवत्ता भरा समय (quality time)

यदि नहीं .....तो आपसे मुझे कुछ नहीं कहना है...समय ही आपसे ये सवाल पूछेगा ..और शायद आपके पास उस वक्त इन प्रश्नों के कोई उत्तर न हों....मेरी बात का बुरा मत मानिये और सोचिये क्या ऐसा और भी कुछ है जो आप अपने नौनिहालों के साथ नहीं कर पा रहे हैं.....(मुझे आपसे कुछ नया सुनकर अच्छा नहीं लगेगा..जैसे ये सब पढ़कर आपको)

5 comments:

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Sanjay bhai,
Yehi sare sawal Ek Kisan se bhee pooche jate hain.

Khair ! -- Maa hone ka farz nahee , gaurav mehsoos karte hue , maine ye sabhee , pyar se kiya.

Fal ki asha bhee nahee rakhee .
Mere bachchon ka sukhee , safal bhavishya
fir bhee, her pal, meri prarthana mei , samaya rehta hai.
Ishwar, Her Mata aur Pita ko Dharti ki tarah dhairyawaan aur Akash ki tarah aseemiti pyar barsanewala banaye.
Ye meri namra iltaza hai.
Good Q.s .

Udan Tashtari said...

सभी सार्थक प्रश्न हैं.

Unknown said...

इनमें से कुछ के जवाब सकारात्मक हैं व कुछ के नकारात्मक, अब नकारात्मक क्यों हैं, ये मेरे अलावा सभी जानते हैं…

Manish Kumar said...

अगर मैं इन सब का जवाब हाँ में दूँ तब आप क्या कहेंगेः) भारत में अभी भी चार मेट्रो और १५ इसके बाद वाले शहर हैं। बाकी जगह जिंदगी इतनी भी तेज नहीं हुई भाई !

मीनाक्षी said...

संजयजी, लावन्याजी ने सब कह दिया, वह भी बड़े स्नेहिल भाव से... कहने को कुछ बचा ही नहीं... स्नेह और ममता से बच्चों का साथ हमें एक नई उर्जा देता है.