सुमधुर संवाद के
मधुर टिप्स ....
-हमेशा संवाद की शुरूआत करें आदर/प्रेमपूर्ण अभिवादन से.
-जिस व्यक्ति का फ़ोन आया हो या जिसे फ़ोन कर रहे हों उसके परिवार में यदि कोई दुखद घटना हुई हो तो सबसे पहले अपनी सहानुभूति प्रकट करें.
-जिस व्यक्ति का फ़ोन आया हो या जिसे फ़ोन कर रहे हों उसके परिवार में यदि कोई दुखद घटना हुई हो तो सबसे पहले अपनी सहानुभूति प्रकट करें.
- जब भी बात करें, नोटिंग के लिए अपने पास पेंसिल या कोरा काग़ज़ अवश्य रखें.
-मोबाइल या टेलीफ़ोन पर हमेशा संक्षिप्त बात करें
-यदि व्यावसायिक चर्चा कर रहे हैं तो बातचीत का जो भी सार हो, उसे पत्र या ई-मेल के द्वारा दूसरे व्यक्ति तक स्मरण पत्र के रूप में पहुँचाने की आदत डालें
- जो बात व्यक्तिगत मुलाक़ात में होने वाली हो उसे टेलीफ़ोन या मोबाइल पर न करें
-जन्म दिवस एवं विवाह वर्षगॉंठ दो ऐसे प्रसंग हें
जिन पर संवाद स्थापित कर आप संबंधों का नवीनीकरण कर सकते
-जन्म दिवस एवं विवाह वर्षगॉंठ दो ऐसे प्रसंग हें
जिन पर संवाद स्थापित कर आप संबंधों का नवीनीकरण कर सकते
-टेलीफ़ोन या मोबाइल पर होने वाली बातचीत के दौरान
आपको यदि किसी तनाव का पूर्वानुमान हो तो कृपया
आपको यदि किसी तनाव का पूर्वानुमान हो तो कृपया
कॉल को आधे घण्टे के लिए टालें। आप निश्चित रूप से राहत और शांति अनुभव
-वाहन चलाते समय एवं भोजन के समय मोबाइल/फ़ोन का प्रयोग न करें।
-स्मृतियों को मधुर बनाने के लिए हमेशा मीठा ही बोलें;
आपको कभी भी कड़वा सुनने को नहीं मिलेगा !
आपको कभी भी कड़वा सुनने को नहीं मिलेगा !
इन सब बातों के बारे में अपने बच्चों से ज़रूर चर्चा करें; स्कूल काँलेजों में सबकुछ सिखाया जा रहा है;ज़िन्दगी से जुड़ी व्यवहारिक बातें नहीं.आपकी इस सीख से नई पीढ़ी का फ़ायदा जुड़ा है.
1 comment:
अच्छी जानकारी. यह छोटी छोटी बातें बहुत मायने रखती हैं. आभार.
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