Tuesday, August 14, 2007

फ़िर आ गया स्वतंत्रता का सरदर्द

ये भी है एक नुक्ता ए नज़र .... ऐ मेरे वतन के आम इन्सान ज़रा ग़ौर कर.

7 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

हमारे खून में राष्ट्र और हमारे राष्ट्र में खून तो tautology (पुनरुक्ति) है.
कहीं कुछ गड़बड़ है. तर्क देखा जाये - राष्ट्र है या नहीं!

Udan Tashtari said...

अब जो भी है, आज के दिन तो हम यही कहेंगे:

आपको स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई एवं स्वतंत्रता दिवस की ६० वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक अभिनन्दन.

vishesh said...

आपको स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई और सभी ब्‍लॉगर साथियों को भी.

Sanjeet Tripathi said...

ह्म्म!!
प्रासंगिक!!

mamta said...

स्वतंत्रता दिवस की बधाई स्वीकारें।

sanjay patel said...

शहीदों की क़ुरबानियों से मिले इस उपहार को प्रणाम.पांडेजी,समीरभाई,विशेषजी और ममता बहन आप सभी को साठ साल के देश में आज़ादी से अपनी बात कहने के लिये बधाई.

sanjay patel said...

संजीत भाई आपको भी जश्ने आज़ादी की बधाई.